Youth “Cool” बनने की होड़ ने एक अलग ही दिशा दे दी है। ऐसा लगता है जैसे दिखावे, स्टाइल और आभासी पहचान के बिना जीवन अधूरा है। सिगरेट (cigarette) का पफ, शराब (beer) के ग्लास, देर रात की पार्टीज़, और सोशल मीडिया (social media) पर शेयर की गई उनकी झलकियां — क्या ये सब वास्तव में खुश रहने का प्रमाण हैं? या फिर एक आंतरिक खालीपन को ढकने का तरीका?
“Cool” बनने की इस अंधी दौड़ में युवा क्या खो रहा है — यह सवाल उठाना आज के दौर की सबसे बड़ी ज़रूरत है।
Youth: दिखावा बनाम दिशा
दिखावा आज एक सामाजिक आदत बन चुका है। यह केवल कपड़ों, लाइफस्टाइल (lifestyle) या महंगे गैजेट्स (gadgets) तक सीमित नहीं है, बल्कि अब ये आदत सोच में समा चुकी है। युवा ये नहीं सोचता कि कुछ करने से क्या प्रभाव होगा, बल्कि ये सोचता है — “लोग क्या सोचेंगे?” और यही सोच अक्सर उसे ऐसी राह पर ले जाती है जहाँ दिखने के लिए वो वो सब करता है जो उसकी आत्मा से मेल नहीं खाता।
जहाँ समाज नशे को स्टाइल और आज़ादी की निशानी मानता है, वहीं जैन दर्शन एक सवाल पूछता है —
“क्या जो तुम्हें नियंत्रित कर रहा है, वो आज़ादी है?”
Youth: संयम: जिसे कमज़ोरी नहीं, शक्ति कहा जाता है
जैन दर्शन का एक गहरा सिद्धांत है — संयम।
संयम का अर्थ केवल खाना-पीना छोड़ देना नहीं, बल्कि अपनी इच्छाओं को, अपने मन को, अपनी आदतों को नियंत्रित करना है।
आज का युवा जिस व्यवहार को Cool समझता है — जैसे “मैं जो चाहूं करूंगा”, “मेरी ज़िंदगी, मेरे नियम” — वो वास्तव में uncontrolled lifestyle का परिणाम है। लेकिन कोई भी ऐसी ज़िंदगी लंबे समय तक आत्म-संतोष नहीं दे सकती, जिसमें अनुशासन न हो।
संयम हमें सिखाता है कि खुद पर नियंत्रण रखना कोई बंधन नहीं, बल्कि वास्तविक आज़ादी है।
जब तुम नशे के बिना, validation के बिना, दिखावे के बिना खुद को खुश रख पाते हो —
तभी तुम वाकई Cool हो।
असली swag वो है जो टिके, न कि जो सिर्फ स्टोरी में दिखे
Swag का मतलब attitude से है — लेकिन एक ऐसा attitude जो लोगों को inspire करे, न कि भ्रमित।
दिखावा सिर्फ क्षणिक होता है। वो तस्वीरें जो आज हजारों likes बटोरती हैं, कुछ ही दिनों में स्क्रीन से गायब हो जाती हैं। लेकिन जो इंसान भीतर से मज़बूत होता है, जो संयमित होता है — उसकी छवि समय (time) के साथ और निखरती है।
जैन दर्शन इसी दीर्घकालिक सोच को महत्व देता है। वो कहता है कि जो चीज़ हमें कुछ समय के लिए अच्छी लगे, ज़रूरी नहीं कि वो हमें लंबे समय तक शांत रखे। इसलिए जीवन में swag दिखाने से ज़्यादा ज़रूरी है — शांति लाना।
Youth: आज़ादी का मतलब ‘जो मन में आए वो करना’ नहीं होता
अक्सर युवाओं को लगता है कि किसी भी बंधन से मुक्त होना ही आज़ादी है — लेकिन सोचिए,
क्या वो व्यक्ति आज़ाद है जो अपनी ही आदतों का गुलाम बन चुका है?
जो हर तनाव में नशे का सहारा लेता है,
जो हर खालीपन में सोशल मीडिया (social media) खोलकर ध्यान भटकाता है,
जो हर आलोचना से भागने के लिए एक नया दिखावा करता है —
Youth: वो कैसा स्वतंत्र है?
जैन दर्शन कहता है — आत्म-स्वराज्य ही सच्चा स्वराज्य है।
अपने ऊपर अधिकार हो, अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण हो — वही जीवन की सबसे बड़ी विजय है।
एक नई परिभाषा: Cool बनो, लेकिन Character के साथ
Cool वो है जो:
- गलत को “ना” कह सके
- दोस्तों (friends) के दबाव में अपनी सोच न बदले
- जीवन में गहराई तलाशे, न कि सतह पर तैरता रहे
- जिसके अंदर आत्मविश्वास हो, validation की ज़रूरत नहीं
जैन दर्शन हमें सिखाता है कि आत्मा की सबसे बड़ी जीत तब होती है जब इंसान दुनिया को नहीं, खुद को बदलने का साहस करता है।
Cool दिखना आसान है, पर संयम से जीना एक स्थायी छवि बनाता है — एक ऐसा प्रभाव जो शब्दों से नहीं, व्यवहार से दिखता है।
निष्कर्ष:
Cool दिखने के लिए बहुत कुछ किया जा सकता है —
लेकिन असली Swag वो है जो भीतर से आता है,
जो आत्मा को शांति देता है, और जो दूसरों को राह दिखाता है।
संयम कभी out of trend नहीं जाता — वो timeless है।
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