Abhimanyu Das की कहानी: सेवा सबसे बड़ा धर्म

धर्म का असली अर्थ

Abhimanyu Das: की प्रेरक कहानी: आज के समय में बहुत से लोग धर्म को पूजा, उपवास, भोग, चढ़ावा या किसी विशेष कर्मकांड तक सीमित कर देते हैं। मानो धर्म सिर्फ मंदिर की सीढ़ियों से शुरू होकर वहीं खत्म हो जाता हो।
लेकिन क्या यही सच्चा धर्म है?
असली धर्म वह है जो हमारे भीतर करुणा जगाए, हमें किसी के आँसू पोंछने की ताकत दे और दूसरों के लिए जीने की प्रेरणा बने।

ओडिशा के अभिमन्यु दास इस बात का सबसे जीवंत उदाहरण हैं।
उन्होंने अपने जीवन में वह दर्द झेला है जिसे शब्दों में बाँधा नहीं जा सकता—उन्होंने कैंसर जैसी भयानक बीमारी से अपने परिवार के चार सदस्यों को खो दिया
जहाँ सामान्य इंसान ऐसे दुख में टूट जाता है, खुद को दुनिया से अलग कर लेता है, वहीं अभिमन्यु ने अपने दुःख को ही अपनी शक्ति बना लिया।

अपनों को खोने के बाद उन्होंने तय किया कि अगर वे किसी की जान नहीं बचा सके, तो कम से कम किसी और की जिंदगी में उम्मीद ज़रूर बचा सकते हैं।
इसी सोच के साथ वे पिछले 18 सालों से निःस्वार्थ भाव से कैंसर मरीजों की मदद कर रहे हैं—कभी दवाइयों का इंतज़ाम कर, कभी अस्पताल पहुँचाकर, कभी सिर्फ उनके पास बैठकर यह एहसास दिलाकर कि वे अकेले नहीं हैं।

अभिमन्यु दास की यह यात्रा हमें सिखाती है कि
धर्म घंटियों की आवाज़ में नहीं, बल्कि किसी पीड़ित के चेहरे पर लौटी मुस्कान में बसता है।
सच्चा धर्म वही है जिसमें हम अपने दुःख से ऊपर उठकर किसी और के जीवन में उजाला बन सकें।

Abhimanyu Das: सेवा सबसे बड़ा धर्म अभिमन्यु दास की प्रेरक कहानी

अभिमन्यु दास ने ठान लिया कि वे कैंसर मरीजों को कभी अकेला महसूस नहीं होने देंगे। उन्होंने रोज़ाना अस्पताल जाकर मरीजों की ड्रेसिंग की, उनकी दवा और खाने-पीने का ध्यान रखा, और सबसे बढ़कर उन्हें मानसिक सहारा दिया। उनकी यह निःस्वार्थ सेवा हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि जब इंसान अपनी पीड़ा से ऊपर उठकर दूसरों के लिए जीता है, तभी वह सच में धर्म का पालन करता है। यही कारण है कि हम कहते हैं – सेवा सबसे बड़ा धर्म

Abhimanyu Das: 18 वर्षों की निरंतर सेवा

अभिमन्यु दास की सेवा केवल कुछ दिनों या महीनों की नहीं रही। पिछले 18 सालों से वे कैंसर मरीजों के लिए लगातार समर्पित हैं। उनके लिए यह केवल कर्तव्य नहीं, बल्कि जीवन का उद्देश्य है।

  • रोज़ाना मरीजों से मिलना

  • ड्रेसिंग और दवा की व्यवस्था करना

  • खाने-पीने का ध्यान रखना

  • मानसिक सहारा देना

इन छोटे लेकिन महत्वपूर्ण कामों से उन्होंने यह सिद्ध किया कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है और इससे समाज में सकारात्मक बदलाव आता है।

Abhimanyu Das: समाज के लिए प्रेरणा

आज की पीढ़ी के लिए अभिमन्यु दास की कहानी एक मिसाल है। जहाँ लोग अपनी व्यस्त ज़िंदगी में दूसरों की मदद करना भूल जाते हैं, वहीं उनके जैसे लोग हमें याद दिलाते हैं कि असली संतोष दूसरों के लिए जीने में है। कल्पना कीजिए अगर हर व्यक्ति अपने जीवन का कुछ समय सेवा में लगाए, तो समाज में कितनी सकारात्मक ऊर्जा पैदा होगी। यही कारण है कि सेवा सबसे बड़ा धर्म केवल शब्द नहीं, बल्कि जीवन जीने का मार्ग है।

जैन दर्शन और सेवा का महत्व

जैन धर्म हमेशा करुणा, दया और सेवा को महत्वपूर्ण मानता है। अभिमन्यु दास की निःस्वार्थ सेवा

इस दर्शन का जीवंत उदाहरण है। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि धर्म केवल पूजा-पाठ नहीं है, बल्कि दूसरों की मदद करना असली धर्म है।

जैन सिद्धांत कहते हैं – “जीव मात्र मेरे अपने हैं।” जब हम सभी जीवों को अपना मानते हैं और उनकी मदद करते हैं,

तभी हम समझ पाते हैं कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

Abhimanyu Das: जीवन से सीख

अभिमन्यु दास की कहानी हमें यह सिखाती है कि हम सब अपने जीवन में छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं:

  • अस्पतालों में मरीजों से मिलें

  • अनाथालय या वृद्धाश्रम में सेवा करें

  • ज़रूरतमंदों की मदद करें

ये छोटे कदम भी समाज में बड़ा परिवर्तन ला सकते हैं। और यही परिवर्तन यह सिद्ध करता है कि सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

Also read: https://jinspirex.com/can-you-imagine-a-couple-who-renounced-200-crore/

निष्कर्ष: धर्म का वास्तविक स्वरूप

अभिमन्यु दास ने दिखा दिया कि धर्म केवल मंदिरों और पूजा-पाठ में नहीं, बल्कि इंसानियत और करुणा में है।
उनका जीवन यह स्पष्ट करता है कि असली पूजा वह है जिसमें हम दूसरों की पीड़ा कम करें और उन्हें उम्मीद दें।

अगली बार जब आप ‘धर्म’ शब्द सुनें, तो केवल पूजा-पाठ नहीं, बल्कि सेवा को भी याद रखें। क्योंकि वास्तव में – सेवा सबसे बड़ा धर्म है।

Discover More Blogs

Jain: “What if your wedding wasn’t about impressing others… but expressing your values?” In 2025, weddings have morphed into mini-movie productions — drones overhead, sangeet choreography weeks in advance, designer lehengas worth a small flat, and Instagrammable flower walls taller

192 views

Dhanteras 2025: धनतेरस सिर्फ़ ख़रीदारी या संपत्ति जुटाने का दिन नहीं है — यह उस ऊर्जा की शुरुआत है, जो पूरे वर्ष हमारे जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मकता लाती है। मान्यता है कि इस दिन जो भी काम शुद्ध

171 views

Madhya Pradesh Jain Tirths – Top 10 Must-Visit Pilgrimages Madhya Pradesh, the heart of India, is home to some of the most breathtaking Jain Tirths—places of rich history, mesmerizing architecture, and deep cultural significance. From ancient rock-cut wonders to majestic

737 views

जहाँ अधिकतर लोग ऊँचाइयाँ, पद, पैसा और प्रतिष्ठा चाहते हैं, वहाँ प्रकाश शाह ने आत्मा की गहराई चुनी। क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान, जिसने ज़िंदगी में सब कुछ पा लिया हो – विशाल पद, लाखों की सैलरी,

261 views

Indore News Sept 15: इंदौर में हुए हालिया हादसे ने शहर और लोगों को झकझोर कर रख दिया। जैन दृष्टिकोण से देखें तो यह केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सिस्टम की कमज़ोरी और लापरवाही का परिणाम है। Indore News Sept

437 views

Teej: क्या आपने कभी गौर किया है कि भाद्रपद शुक्ल तृतीया की एक ही तिथि पर मनाया जाने वाला तीज दो अलग-अलग धर्मों में दो बिल्कुल अलग रूप ले लेता है?एक ही दिन, एक ही नाम—लेकिन भावनाएँ, उद्देश्य और उत्सव

205 views

Latest Article

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Ut elit tellus, luctus nec ullamcorper mattis, pulvinar dapibus leo.