Fasting: जैन समाज की पहचान – साधना और समर्पण
कठिन तप संकल्प 2025 ने इस वर्ष के पर्युषण पर्व को और भी गहरा, अर्थपूर्ण और प्रेरणादायक बना दिया। यह सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि उन साधकों की अद्भुत प्रतिबद्धता, मानसिक शक्ति और आत्मसंयम का जीवंत प्रमाण था, जिन्होंने तप के माध्यम से अपने भीतर की अशुद्धियों को जलाकर नए उत्साह, नई स्पष्टता और नई ऊर्जा को आत्मसात किया।
इस वर्ष के कठिन तप संकल्प ने यह दिखा दिया कि जब मन मजबूत हो, लक्ष्य स्पष्ट हो और साधना के प्रति समर्पण अटल हो, तो इंसान अपनी सीमाओं से बहुत आगे बढ़ सकता है। इन साधकों ने सिर्फ उपवास या नियम का पालन नहीं किया—उन्होंने स्वयं को भीतर से तपाया, निर्मल किया और अध्यात्म की उस ऊँचाई को महसूस किया, जहाँ पहुँचकर व्यक्ति स्वयं के सबसे सच्चे स्वरूप से जुड़ता है।
कठिन तप संकल्प 2025 ने सभी अनुयायियों को यह भी समझाया कि संयम कोई एक दिन का प्रयास नहीं—यह तो जीवन का स्थायी अभ्यास है। तप सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि मन, विचारों और भावनाओं को भी शुद्ध करता है। धैर्य, त्याग और आत्मनियंत्रण जैसी गुणों को अपनाकर हर व्यक्ति अपनी जीवन-यात्रा को और संतुलित, शांत व उद्देश्यपूर्ण बना सकता है।
यह वर्ष हमें याद दिलाता है कि जब कुछ लोग साधना की राह पर如此 दृढ़ता से चलते हैं, तो वे सिर्फ स्वयं को नहीं, बल्कि हजारों लोगों को भी प्रेरित कर जाते हैं—एक ऐसी राह दिखाते हुए जिसमें तप, अनुशासन और आंतरिक शांति की रोशनी है।
कठिन तप संकल्प 2025: पर्युषण 2025: साधना का अद्वितीय पर्व
इस वर्ष 2025 के पर्युषण पर्व पर हमारे समाज के कई वीर साधकों ने कठिन निर्जल उपवास कर यह दिखा दिया कि जब इच्छाशक्ति अटूट हो और आस्था गहरी हो, तो कोई भी कठिनाई बड़ी नहीं रहती। उनका यह तप सिर्फ एक धार्मिक अभ्यास नहीं, बल्कि आत्मबल, धैर्य और भीतर की शक्ति का जीवंत प्रमाण था। इन साधकों ने साबित किया कि सच्ची शक्ति शरीर में नहीं, बल्कि मन और विश्वास में रहती है—और यही दृढ़ता पूरे समाज के लिए प्रेरणा बन गई।

तप के विविध रूप
किसी ने 3 उपवास, किसी ने 5 उपवास, किसी ने 7 उपवास, और तो किसी ने 9 निरंतर उपवास करके असंभव को संभव कर दिखाया।
यह साधना केवल भोजन त्यागने का नाम नहीं है, बल्कि आत्मा की शुद्धि, अहिंसा और संयम की सच्ची साधना है।
जल के बिना तप – अदम्य शक्ति का प्रमाण
सोचिए, जहाँ एक सामान्य इंसान एक घंटे भी बिना पानी पिए रहना मुश्किल मानता है, वहीं हमारे तपस्वियों ने कई दिन तक बिना जल और अन्न ग्रहण किए साधना की। यह केवल शरीर की शक्ति नहीं, बल्कि आत्मा की दृढ़ता और विश्वास का जीता-जागता प्रमाण है।

कठिन तप संकल्प 2025 : तप हमें क्या सिखाता है?
- इच्छाशक्ति से हर कठिनाई पार की जा सकती है।
- साधना हमें केवल धार्मिक नहीं, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी मज़बूत बनाती है।
- जैन दर्शन की गहराई और इसकी जीवनदायी शिक्षाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं।
समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत
इन सभी साधकों का तप न केवल उनकी व्यक्तिगत विजय है, बल्कि पूरे जैन समाज के लिए प्रकाश का स्तंभ है—एक ऐसी प्रेरणा जो हमें याद दिलाती है कि संयम और आत्मबल ही असली शक्ति हैं।
हम हृदय से इन तपस्वियों को नमन करते हैं और कामना करते हैं कि उनकी यह अद्भुत साधना सभी के जीवन में नई ऊर्जा, नई प्रेरणा और सही मार्ग पर चलने का साहस जगाती रहे।
उनका तप मार्ग यूँ ही समाज को उजाला देता रहे—और हम सबके भीतर की शक्तियों को जगाने का स्रोत बना रहे।
आप सभी हमारे जैन समाज के लिए प्रेरणा हैं