H&M का Responsible Mohair label सच में cruelty-free या सिर्फ दिखावा? 

H&M: हम सबने बचपन से सुना है — “ऊन गर्म रखता है, आराम देता है।”
लेकिन किसी ने ये नहीं बताया कि गर्माहट इंसानों को मिलती है,
और दर्द जानवरों को।

Wool, Mohair, Angora, Cashmere…
ये नाम सुनते ही luxury, comfort और softness की तस्वीर बनती है।
पर सच यह है कि इन fibres की शुरूआत softness से नहीं,
बल्कि चीख़ों, डर और exploitation से होती है।

आज की fashion दुनिया में एक नया trend चल रहा है —
“Responsible Wool,” “Ethical Mohair,” “Sustainable Cashmere.”
ऐसे labels देखकर लगता है कि ब्रांड्स कुछ अच्छा कर रहे हैं।
हम सोचते हैं कि cruelty खत्म हो गई होगी…
लेकिन क्या सच में ऐसा है?

यही जगह है जहाँ आता है H&M जैसे बड़े brands का खेल।
वे दावा करते हैं कि वे
Responsible Wool Standard (RWS),
Responsible Mohair Standard (RMS),
Good Cashmere Standard (GCS)
जैसी certifications का पालन करते हैं।

यह सुनकर ग्राहक को लगता है—
“अगर certified है, तो cruelty-free होगा ही।”

लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।

सबसे पहले समझते हैं कि यह fibres होते क्या हैं और इनके पीछे कैसी वास्तविकता छुपी है।

Mohair, Angora, Cashmere, Wool: आखिर हैं क्या?

कपड़ों की दुनिया में ये fibres premium और luxurious माने जाते हैं।
लेकिन इनके पीछे दबी हुई कहानी सिर्फ़ इतनी है—
जानवरों को भय, दर्द और exploitation के बीच उनके बाल छीने जाते हैं।

Mohair

बकरियों(Angora) के बालों से मिलने वाला बेहद चमकदार और premium fibre।
सबसे ज़्यादा उत्पादन South Africa में।

Angora

खरगोश (Angora) के रोएँ से बना ultra-soft, fluffy ऊन।

Cashmere

Himalayan/Pashmina बकरियों के नाज़ुक अंदरूनी fur से बनाया गया luxury fibre।

Wool

भेड़ों से काटकर निकाला जाने वाला सबसे आम animal-derived fibre।

चारों का common truth → जानवरों को पकड़कर, दबाकर, डरा-धमकाकर और दर्द में बाल काटे जाते हैं।

Mohair पर सबसे ज़्यादा चर्चा क्यों? (The Most Exposed Industry)

H&M मोहेयर का बड़ा उपभोक्ता है।
और इसी उद्योग को दुनिया के सामने सबसे पहले 2018 PETA Investigation ने बेनकाब किया।

PETA Investigation Findings (Documented Evidence)
  • बकरियों को हाथ-पैर बाँधकर प्लेटफ़ॉर्म पर ज़बरदस्ती दबाया गया।
  • तेज़ कटाई के चलते shearers ने कान, पेट, पीठ की skin तक काट दी।
  • कई goats खून से लथपथ छोड़ दी गईं — बिना इलाज।
  • कई की मौत starvation, exposure और infection से हुई।

ये फुटेज दुनिया भर में वायरल हुई और इसके बाद कई brands ने Mohair boycott तक किया—
पर H&M ने boycott नहीं किया
बल्कि बाद में कहा कि वे केवल RMS-certified mohair खरीदते हैं।

Mohair कैसे निकाला जाता है? (Cruelty का असली चेहरा)

अधिकतर Farms में:

  • Goats को electric shearing machines से तेज़ी में काटा जाता है
  • उन्हें तेजी के लिए rough handling किया जाता है
  • Shearers को payment “speed” के आधार पर मिलती है
  • इससे animals को चोट, bleeding और extreme fear का सामना करना होता है

Shearing = Cruelty का सबसे बड़ा step
और यही step किसी भी standard में real-time monitored नहीं होता।

Responsible Mohair Standard (RMS): कागज़ पर अच्छा, ज़मीन पर अधूरा

H&M को जवाब देने के लिए industry ने “Responsible Mohair Standard (RMS)” बनाया।
H&M कहता है:

“हम 2020 से सिर्फ़ RMS-certified mohair इस्तेमाल करते हैं।”

RMS के दावे:
  • Animal welfare
  • Better farm practices
  • Supply chain transparency
  • No mulesing
  • Responsible shearing

RMS की सीमाएँ: क्यों यह cruelty-free नहीं

Audits pre-planned होते हैं

Farm को पहले से पता होता है कि inspection होगी।
मतलब जो असली cruelty है—वह कभी दिखती ही नहीं।

Shearing के समय zero supervision

Cruelty सबसे ज़्यादा shearing floor पर होती है।
RMS इस step की live monitoring नहीं करता।

कई investigations ने RMS farms पर भी cruelty पकड़ी है

(Global Animal Welfare reports + on-ground evidence)

जिनमें पाया गया—

  • Goats को जोर से खींचना
  • Bleeding skin cuts
  • Untreated infections
  • Overcrowded sheds
  • Extreme fear-based handling

मतलब certification = cruelty-free का प्रमाण नहीं।

RMS की खुद की language स्पष्ट है

Standard “cruelty-free” होने का दावा नहीं करता
यह सिर्फ़ minimum expectations सेट करता है।

साफ़ शब्दों में:
“Responsible” ≠ “Cruelty-Free”

H&M का “Responsible Mohair”: कितना responsible?

RMS का logo देखकर:
  • उपभोक्ता सोचता है fibre ethical है
  • Brand का marketing image eco-friendly लगता है
  • Guilt कम लगता है
लेकिन ground reality में:
  • Audits limited हैं
  • Transparency अधूरी है
  • Shearing cruelty अनदेखी रहती है
  • Animal exploitation फिर भी 100% मौजूद है

इसलिए H&M का “responsible mohair” एक marketing comfort word है, cruelty-free proof नहीं।

सही चुनाव क्या है? (The Real Responsible Choice)

Avoid fibres:
  • Mohair
  • Angora
  • Cashmere
  • Wool
Marketing terms पर blind trust न करें:
  • “Responsible Wool”
  • “Good Cashmere”
  • “Responsible Alpaca”
  • “Working Together for Change” (H&M tagline)

ये नाम अच्छे हो सकते हैं—
लेकिन दर्द छुपा नहीं सकते।

अपनाएँ plant-based और cruelty-free options:

  • Recycled polyester
  • Bamboo fleece
  • Organic cotton
  • Bio-based fibres (orange fibre, hemp, lyocell)
  • Vegan-certified winter wear

अंतिम सत्य:

“Responsible Mohair” का मतलब cruelty-free नहीं।
RMS का logo जानवर की चीख़ें शांत नहीं करता।
और H&M का claim दर्द मिटा नहीं सकता।

सच्ची responsibility वही है जहाँ किसी प्राणी का भय न हो।
यही अहिंसा है।
यही compassion है।
यही सच्चा sustainable fashion है।

एक share किसी एक इंसान की wardrobe बदल सकता है—
और एक wardrobe cruelty-free दुनिया के बीज बो सकता है।

Also Read: https://jinspirex.com/luxury-bags-made-from-crocodile-skinknow-which-brands-stand-behind-them/

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