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Dhanteras 2025: क्या करें और कैसे करें शुभ शुरुआत?

Dhanteras 2025: धनतेरस सिर्फ़ ख़रीदारी या संपत्ति जुटाने का दिन नहीं है — यह उस ऊर्जा की शुरुआत है, जो पूरे वर्ष हमारे जीवन में समृद्धि, सौभाग्य और सकारात्मकता लाती है। मान्यता है कि इस दिन जो भी काम शुद्ध मन, शुभ भावना और सद्कर्मों की नीयत से शुरू किए जाते हैं, वे फलदायी होते हैं और जीवन में स्थिरता, सुख और प्रगति लाते हैं।

इस वर्ष, केवल सोना-चांदी, बर्तन या धन नहीं — बल्कि आत्मिक समृद्धि भी अपने जीवन में शामिल करें। क्योंकि असली “धन” सिर्फ़ वस्त्रों या वस्तुओं में नहीं, बल्कि संयम, कृतज्ञता, शांति और अच्छे विचारों में होता है।

यदि हम इस दिन अपने मन में ईर्ष्या की जगह प्रेम, दिखावे की जगह सरलता और लोभ की जगह संतोष को जगह दें — तो यही धनतेरस का असली आशीर्वाद माना जाएगा।

तो कल जब आप दीपक जलाएँ, तो सिर्फ़ घर नहीं — अपना मन भी रोशन करें।
क्योंकि जब भीतर रोशनी होती है, तभी बाहर की रोशनी अर्थपूर्ण लगती है।

अब जानिए — कल के दिन कौन-सी छोटी लेकिन महत्वपूर्ण चीज़ें करें जिससे आने वाला वर्ष न सिर्फ़ चमके, बल्कि सार्थक भी बने:

1. Dhanteras 2025: दिन की शुरुआत पवित्रता से करें

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और घर में स्वच्छ जल छिड़ककर वातावरण को शुद्ध करें।
मन में यह संकल्प लें — आज मैं शुद्ध विचारों और शुभ कर्मों से अपने दिन की शुरुआत करूंगा।”

थोड़ी देर शांत बैठें, ध्यान करें या प्रार्थना करें —
यही मानसिक शांति पूरे दिन की ऊर्जा तय करती है।

2. Dhanteras 2025: घर की सफाई और साज-सज्जा

धनतेरस के दिन घर की साफ-सफाई को विशेष महत्व दिया गया है। मुख्य द्वार और पूजा स्थान की सफाई के साथ दरवाज़े पर आम या अशोक के पत्तों की तोरण लगाएँ। दरवाज़े पर रंगोली बनाना शुभ माना जाता है — यह सकारात्मक ऊर्जा और नए अवसरों का स्वागत करती है।

रंगोली में दीपक, स्वस्तिक या फूलों की आकृतियाँ बनाना सबसे मंगलकारी होता है।

3. दीप सज्जा — बाहर भी, भीतर भी

शाम के समय घर के हर कोने को दीपों से जगमगाएँ।मुख्य द्वार, रसोई, बालकनी, मंदिर और तुलसी चौरा — हर जगह एक-एक दीपक रखें। कुल 13 दीपक जलाना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह तेरस (13वें दिन) का प्रतीक है।

4. छोटी-सी शुभ खरीदारी करें

धनतेरस को धातु खरीदने का दिन माना जाता है। अगर बड़ी खरीदारी संभव न हो तो एक छोटा पीतल या तांबे का लोटा, चांदी का सिक्का या दीपक खरीदना शुभ होता है। यह नए आरंभ और स्थिरता का प्रतीक है।

5. धनतेरस पर तुलसी का पौधा लाएं

धनतेरस के दिन तुलसी का पौधा घर लाना अत्यंत शुभ माना जाता है। तुलसी शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक है,तुलसी का पौधा घर में लाने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है धनतेरस पर तुलसी का पौधा लाना सिर्फ एक परंपरा नहीं, बल्कि घर और मन दोनों की शुभ शुरुआत है।

6. बड़ों का आशीर्वाद और जरूरतमंदों की मदद

सुबह या शाम को माता-पिता और बड़ों के चरण स्पर्श करें — उनका आशीर्वाद हर शुभता का आधार है।
इसके साथ ही किसी जरूरतमंद को दीपक, कपड़ा, अन्न या मिठाई का दान करें। दान से दिन की शुभता कई गुना बढ़ जाती है।

7. परिवार सहित शाम का दीपदान और भक्ति

सूर्यास्त के बाद पूरे परिवार के साथ दीपक जलाएँ और मंगल गीत या भक्ति करें।आप चाहें तो “ॐ शांति” या कोई भी सकारात्मक मंत्र बोलते हुए दीप जलाएँ। यह सामूहिक दीपदान परिवार में एकता और प्रेम का प्रतीक है।

8. रात को आत्मचिंतन और कृतज्ञता के साथ दिन का समापन करें

दिन के अंत में कुछ मिनट शांत बैठें —सोचें कि आपने दिनभर में किसे खुश किया, किस बात के लिए आप आभारी हैं। यह कृतज्ञता ही सच्ची “धनतेरस की पूजा” है।

समापन: शुभता सिर्फ़ खरीदने की चीज़ नहीं, जीने की भावना है

धनतेरस सिर्फ़ सोना-चांदी का त्यौहार नहीं —
यह मन की शुद्धता, परिवार की एकता और सकारात्मकता का पर्व है।

जब हम संयम, प्रेम और कृतज्ञता से दिन बिताते हैं,
तो वही “धन” पूरे वर्ष हमारे साथ रहता है।

“धन नहीं, शुभ भाव ही सबसे बड़ी संपत्ति है।”
“इस धनतेरस, हर दीप अपने भीतर भी जलाएँ।”

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