आप जब सड़कों से गुजरते हैं, जैन मंदिरों के पास से निकलते हैं, तो एक बात ने ज़रूर आपका ध्यान खींचा होगा —
“भव्य चातुर्मास”
बड़े-बड़े होर्डिंग्स (Hoardings), बैनर (Banners) , पोस्टर्स (Posters) — पर एक सवाल अब भी अधूरा रह जाता है…
आख़िर ये ‘चातुर्मास’ होता क्या है?
और जैन साधु-साध्वियाँ इसे क्यों मनाते हैं?
ऐसा क्या खास होता है इन 4 महीनों में कि चलने-फिरने वाले साधु एक ही जगह ठहर जाते हैं?
अगर आपके मन में भी कभी ये सवाल आया है, तो ये लेख सिर्फ आपके लिए है।
Jain: पहली बात – जैन साधु कभी एक जगह क्यों नहीं रहते?
जैन साधु-साध्वियाँ जीवनभर यात्रा करते हैं — बिना गाड़ी, बिना चप्पल, बिना किसी सुविधा के।
पर साल में एक समय ऐसा आता है जब वो रुक जाते हैं।
ठीक 4 महीनों के लिए।
और इसी ठहराव को कहते हैं — चातुर्मास।
Jain: पर क्यों रुकना पड़ता है बारिश में?
मान लीजिए आप एक खुली सड़क पर चल रहे हैं।
बारिश की वजह से ज़मीन पर छोटे-छोटे कीड़े, जीव, मेंढक, केंचुए आ जाते हैं जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं।
अब सोचिए, जैन साधु जब नंगे पाँव चलते हैं तो हर कदम पर अनजाने में कितने जीवों की हिंसा हो सकती है?
इसीलिए चातुर्मास एक ठहराव है — अहिंसा के प्रति सजगता का।
ताकि किसी भी जीव का अनजाने में भी नुकसान न हो।
Jain: क्या सिर्फ अहिंसा ही कारण है? नहीं… और भी बहुत कुछ है।
इन 4 महीनों में जैन साधु:
- ध्यान करते हैं
- प्रवचन देते हैं
- धर्म ग्रंथों का अध्ययन करते हैं
- लोगों को आध्यात्मिक जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं
यह समय केवल ठहरने का नहीं, भीतर उतरने का होता है।
क्या हम भी कुछ सीख सकते हैं?
बिलकुल!
हम सब आज के दौर में रोज़ भागते रहते हैं —
काम, मोबाइल, मीटिंग्स, इंस्टाग्राम, शॉपिंग, सोशल लाइफ…
पर क्या हमने कभी रुककर सोचा — कि हम क्या कर रहे हैं?
चातुर्मास हमें सिखाता है —
“जीवन रुककर भी जिया जा सकता है।
और शायद उसी ठहराव में असली शांति है।”
चातुर्मास प्रेरणाएँ हर व्यक्ति के लिए — चाहे वो किसी भी धर्म का हो:
जैन साधु का सिद्धांत | आपकी ज़िंदगी में उपयोग |
नंगे पाँव चलना | थोड़ी संवेदनशीलता — दूसरों के प्रति भी सोचें |
4 महीने ठहरना | डिजिटल डिटॉक्स (Digital Detox) — दिन का 1 घंटा सिर्फ खुद के लिए |
संयमित भोजन | माइंडफुल ईटिंग (Mindful Eating) — बिना फोन के खाना, धीरे खाना |
धर्म-अध्ययन | पर्सनल ग्रोथ (Personal Growth) — कोई किताब पढ़ना, कुछ लिखना |
तो चातुर्मास केवल एक धार्मिक नियम नहीं है —
यह एक inner detox है।
एक ऐसा समय, जब हम शरीर की जगह आत्मा को प्राथमिकता देते हैं।
अंत में एक सवाल —
क्या आप इस साल बारिश में थोड़ा ठहरना चाहेंगे?
अपने भीतर की आवाज़ को सुनना चाहेंगे? हो सकता है आपको भी वो शांति मिल जाए,
जिसे हम अक्सर बाहर ढूंढते हैं।