Jain Darshan ke drishtikon se ek nayi soch
हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कई ऐसी चीज़ें हैं जो हमें सामान्य और सुरक्षित लगती हैं — टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर डाई, डियोड्रेंट, यहाँ तक कि प्लास्टिक की बोतलें। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इनमें छुपे हुए केमिकल्स न सिर्फ़ हमारे शरीर को नुकसान पहुँचा सकते हैं, बल्कि अहिंसा और सादगी जैसे जैन मूल्यों के भी विरुद्ध हैं?
आज जब “प्राकृतिक जीवन” एक ट्रेंड बन गया है, जैन दर्शन सदियों पहले से इस विचारधारा का पालन करता आ रहा है। इस लेख में हम जानेंगे उन रोज़ की चीज़ों के बारे में जो दिखने में आम हैं, पर अंदर ही अंदर ज़हर जैसी असर डालती हैं।
1. Toothpaste: टूथपेस्ट — सफेदी नहीं, केमिकल्स से भरा एक जाल
अधिकतर टूथपेस्ट में Sodium Lauryl Sulfate, Triclosan और Artificial Sweeteners पाए जाते हैं।
- ये न सिर्फ़ आपकी त्वचा और मुंह की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाते हैं, बल्कि कुछ रिसर्च इन्हें कैंसर से भी जोड़ती हैं।
- कई टूथपेस्ट में animal-derived glycerin होता है, जो जैन अहिंसा सिद्धांत के खिलाफ़ है।
क्या आप सच में अपने दिन की शुरुआत इस तरह करना चाहते हैं?
2. Dye: हेयर डाई / हेयर कलर — रंगीन बाल, पर जहरीले रसायन
बाजार में मिलने वाले ज़्यादातर हेयर डाई में Ammonia, PPD (Paraphenylenediamine), और Resorcinol जैसे केमिकल्स होते हैं।
- ये न सिर्फ़ बालों को रूखा बनाते हैं, बल्कि त्वचा एलर्जी, आँखों में जलन और लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
- साथ ही, कुछ रंगों में कीड़े-मकोड़ों से प्राप्त तत्व होते हैं, जो जैन धर्म के मूल्यों से सीधा टकराते हैं।
3. Perfumes: डियोड्रेंट और परफ्यूम — खुशबू में छिपा ख़तरा
इनमें अक्सर Phthalates, Formaldehyde, और Synthetic Musk पाए जाते हैं जो हार्मोन को प्रभावित कर सकते हैं।
- ये न केवल शरीर के लिए हानिकारक हैं, बल्कि हवा में भी जहरीले कण छोड़ते हैं — जो पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं।
- क्या यह ‘पर्यावरण के प्रति दया’ (जैन सिद्धांत) के खिलाफ़ नहीं?
4. Body wash: साबुन और बॉडी वॉश — त्वचा की सफाई या धीमा ज़हर?
- इनमें Sodium Lauryl Sulfate, Parabens, और Fragrance जैसे सिंथेटिक केमिकल्स होते हैं।
- इनमें कई बार ऐसे तत्व होते हैं जो पशु-उत्पत्ति से आते हैं और जैन आहार नीति के खिलाफ़ होते हैं।
5. Bottles: प्लास्टिक की बोतलें और कंटेनर — BPA का खतरा
- रोज़ाना इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक कंटेनर और बोतलों में Bisphenol-A (BPA) होता है जो हार्मोनल डिसबैलेंस का कारण बन सकता है।
- प्लास्टिक का उत्पादन और नष्ट करना पर्यावरण पर असर डालता है — जो जैन “पर्यावरण करुणा” के सिद्धांत को ठेस पहुंचाता है।
Jain: जैन दर्शन क्या कहता है?
जैन धर्म सिर्फ़ पूजा-पाठ का मार्ग नहीं है, बल्कि वह जीवन के हर क्षेत्र में संयम, सरलता, और करुणा अपनाने की प्रेरणा देता है।
- अहिंसा का अर्थ केवल हिंसा न करना नहीं, बल्कि हर उस चीज़ से दूरी बनाना है जो किसी भी प्राणी या प्रकृति को नुकसान पहुंचाए।
- अपरिग्रह का मतलब है — जितना ज़रूरी हो, उतना ही उपभोग करें। ज़रूरत से ज़्यादा उपयोग, विशेषकर हानिकारक रसायनों का, हमें जैन मार्ग से भटका सकता है।
Jainism: क्या कर सकते हैं आप? – समाधान की ओर एक कदम
- प्राकृतिक टूथपेस्ट जैसे नीम दातुन, दंत मंजन अपनाएं।
- हर्बल हेयर कलर, जैसे मेहंदी या इंडिगो पाउडर का प्रयोग करें।
- केमिकल-फ्री डियो और आर्गेनिक स्किन केयर प्रोडक्ट्स का चुनाव करें।
- स्टील, कांच या तांबे के बर्तन प्लास्टिक की जगह इस्तेमाल करें।
- अपने बच्चों को भी इन आदतों से अवगत कराएं — यही सच्चा संस्कार होगा।
निष्कर्ष:
हर बार जब आप ब्रश करते हैं, बाल रंगते हैं या डियो लगाते हैं — सोचिए, क्या ये सच्ची अहिंसा है? आज जरूरत है सजग रहने की, क्योंकि जैन धर्म सिर्फ़ आत्मा की मुक्ति की नहीं, जीवन की शुद्धता की भी बात करता है।आपका हर रोज़ का चुनाव आपकी आत्मा को कैसा बना रहा है — विषैला या विशुद्ध?
FAQs: रोज़ की चीज़ों और छिपे केमिकल्स के बारे में
1. क्या रोज़मर्रा के उत्पादों में सच में रसायन होते हैं?
उत्तर: हां, अधिकांश लोकप्रिय टूथपेस्ट, शैम्पू, हेयर कलर और साबुन में रसायन होते हैं, जो शरीर और पर्यावरण के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इन उत्पादों में आमतौर पर SLS, Triclosan, Artificial Colors और जानवरों से प्राप्त तत्व होते हैं।
2. जैन जीवनशैली के अनुसार, हमें इन रसायनों से बचने के लिए क्या विकल्प चुनने चाहिए?
उत्तर: जैन जीवनशैली के तहत हमें प्राकृतिक, शाकाहारी और बिना रसायन वाले उत्पादों का चुनाव करना चाहिए। उदाहरण के लिए, Patanjali Dant Kanti, Vicco Vajradanti, और घरेलू दंत मंजन का इस्तेमाल करें।
3. क्या इन रसायनों का हमारे स्वास्थ्य पर कोई असर होता है?
उत्तर: हां, ये रसायन स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं जैसे स्किन एलर्जी, हार्मोनल इम्बैलेंस, और लंबे समय में कैंसर जैसी बीमारियां।
4. क्या जैन धर्म में इन रसायनों से बचना ज़रूरी है?
उत्तर: हां, जैन धर्म में सभी जीवों के प्रति करुणा और अहिंसा का पालन करना महत्वपूर्ण है। रसायन जो जानवरों से प्राप्त होते हैं, वे इन सिद्धांतों के खिलाफ हो सकते हैं।
5. हमें अपने रोज़ के उत्पादों में बदलाव कैसे करना चाहिए?
उत्तर: हम प्राकृतिक, आयुर्वेदिक और शाकाहारी उत्पादों का चयन करके अपने दैनिक जीवन में बदलाव ला सकते हैं, जिससे हम अपने स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा भी कर सकें।