प्याज़ और लहसुन भारतीय रसोई के अहम घटक हैं, लेकिन इनके अधिक सेवन या गलत तरीके से उपयोग करने से आपके स्वाद, स्वास्थ्य और घर के वातावरण पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। जैन दर्शन और आयुर्वेद के अनुसार, ये भोजन में सीमित मात्रा में और सही समय पर उपयोग किए जाने चाहिए।
अत्यधिक प्याज़ और लहसुन खाने से पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है। यह शरीर में अत्यधिक गर्मी और उत्तेजना उत्पन्न कर सकता है, जिससे नींद, मानसिक शांति और ऊर्जा स्तर प्रभावित हो सकते हैं। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और संवेदनशील लोगों पर इसका असर अधिक महसूस किया जा सकता है।
इसके अलावा, प्याज़ और लहसुन की तेज़ गंध घर के वातावरण में फैल सकती है। लंबे समय तक इसकी गंध से घर का माहौल भारी और अस्वस्थ महसूस हो सकता है।
प्याज़-लहसुन स्वास्थ्य : अब सवाल यह है —
- क्या सच में प्याज़-लहसुन हमारी शांति और positive energy छीन लेते हैं?
- और अगर हाँ, तो इसके पीछे धर्म से जुड़ी मान्यता मज़बूत है या विज्ञान की सच्चाई?
आगे पढ़िए और जानिए इस अनकहे रहस्य के बारे में
1. तामसिक और राजसिक गुण
भारतीय शास्त्रों के अनुसार, भोजन तीन तरह का होता है –
- सात्त्विक (pure, light, peaceful)
- राजसिक (stimulating, aggressive)
- तामसिक (dullness, laziness बढ़ाने वाला)
प्याज़ और लहसुन को तामसिक व राजसिक श्रेणी में रखा गया है। यानी ये शरीर को भारी और मन को restless बना सकते हैं।
2. वैज्ञानिक दृष्टिकोण (Scientific Perspective)
- Sulphur compounds: प्याज़ और लहसुन में sulphur compounds (जैसे allicin) पाए जाते हैं। ये digestion को slow कर सकते हैं और excessive use से bloating, acidity और heartburn जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।
- Brain chemistry पर असर: कुछ शोध बताते हैं कि garlic में मौजूद sulphides nervous system को over-stimulate करते हैं। इससे concentration कम होता है और meditative state achieve करना मुश्किल हो जाता है।
- Body odor और energy flow: Garlic व onion शरीर में strong body odor पैदा करते हैं और prana (life energy) के flow को disturb करते हैं, जिसे योगिक sciences में subtle energy कहा गया है।
3. घर की ऊर्जा पर प्रभाव
घर सिर्फ़ दीवारों का ढांचा नहीं है, बल्कि positive vibrations से चलता है।
- प्याज़-लहसुन (onion garlic) की तेज़ गंध kitchen और घर के वातावरण को भारी बना देती है।
- यह चिड़चिड़ापन, तनाव और गुस्सा बढ़ा सकती है।
- Research भी बताती है कि pungent foods emotional heaviness ला सकते हैं।
4. Alternative Approach
तो क्या प्याज़-लहसुन हमेशा बुरा है? बिल्कुल नहीं!
- आयुर्वेद (Ayurveda) में इन्हें औषधि माना गया है — खासकर infections, cholesterol और immunity के लिए।
- फर्क सिर्फ़ इतना है कि इन्हें दवा की तरह इस्तेमाल करना चाहिए, रोज़मर्रा के भोजन की तरह नहीं।
5. प्याज़-लहसुन नुकसान: Universal Message
यह परंपरा सिर्फ़ किसी एक धर्म की नहीं है।
- योगियों ने ध्यान और मानसिक शांति के लिए इन्हें छोड़ा।
- कई साधु और आध्यात्मिक परंपराएँ इन्हें avoid करती हैं।
- Modern science भी excessive use को mental clarity और emotional balance के लिए ठीक नहीं मानती।
निष्कर्ष (Conclusion)
रसोई से प्याज़ और लहसुन को दूर रखना केवल धार्मिक मान्यता नहीं है। यह स्वास्थ्य, मानसिक शांति और घर की सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने का एक practical तरीका भी है। अत्यधिक प्याज़-लहसुन से पाचन और शरीर में गर्मी बढ़ सकती है, वहीं घर में इसकी तेज़ गंध वातावरण को भारी बना सकती है।
तो अगली बार जब कोई आपसे पूछे, “आप प्याज़-लहसुन क्यों नहीं खाते?” आप आराम से बता सकते हैं कि यह आपकी स्वस्थ जीवनशैली, मानसिक संतुलन और घर की ऊर्जा बनाए रखने का हिस्सा है। यह सिर्फ़ परंपरा नहीं, बल्कि समझदारी भरा और विज्ञान-सम्मत तरीका है।
आप कह सकते हैं —
“क्योंकि हम सिर्फ़ भोजन नहीं, बल्कि जीवन की ऊर्जा भी खाते हैं।”